Class 10 NCERT Solutions Science Chapter 6 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं उत्प्रेरक

 Chapter 6 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं उत्प्रेरक


पाठ्यपुस्तक के प्रश्नोत्तर

बहुचयनात्मक प्रश्न
1. FeCl3 का FeCl2 में परिवर्तन कहलाता है
(क) ऑक्सीकरण
(ख) अपचयन
(ग) अपघटन।
(घ) संयुग्मन

2. एक पदार्थ दो छोटे सरल अणुओं में टूटता है तो अभिक्रिया होगी|
(क) अपघटनीय
(ख) विस्थापन
(ग) ऑक्सीकरण
(घ) संयुग्मन

3. इलेक्ट्रॉन त्यागने वाले पदार्थ कहलाते हैं
(क) ऑक्सीकारक
(ख) उत्प्रेरक
(ग) अपचायक
(घ) कोई नहीं

4. दोनों दिशाओं में होने वाली अभिक्रियाएँ हैं|
(क) ऑक्सीकरण
(ख) अपचयन
(ग) अनुक्रमणीय
(घ) उत्क्रमणीय

5. अभिक्रिया के वेग को बढ़ाने वाले होते हैं
(क) उत्प्रेरक
(ख) ऑक्सीकारक
(ग) अपचायक
(घ) कोई नहीं

6. एन्जाइम होते हैं
(क) ऋणात्मक उत्प्रेरक
(ख) धनात्मक उत्प्रेरक
(ग) स्वतः उत्प्रेरक
(घ) जैव उत्प्रेरक

7. 2Mg + O2 → 2 MgO
इस अभिक्रिया में मैग्नीशियम धातु हो रहा है
(क) ऑक्सीकृत।
(ख) अपचयित
(ग) अपघटित
(घ) विस्थापित

8. उत्क्रमणीय अभिक्रियाओं के लिए किस चिन्ह का प्रयोग किया जाता है
(क) →
(ख) ↑
(ग) ↓
(घ) ⇔

9. वह अभिक्रिया जो बनने वाले उत्पाद से ही उत्प्रेरित हो जाती है, कहलाती
(क) जैव रासायनिक
(ख) उत्क्रमणीय
(ग) स्वतः उत्प्रेरित
(घ) अनुत्क्रमणीय

10. ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया में ऊष्मा
(क) निकलती है।
(ख) अवशोषित होती है।
(ग) विलेय होती है।
(घ) इनमें से कोई नहीं

उत्तरमाला-
1. (ख)
2. (क)
3. (ग)
4. (घ)
5. (क)
6. (घ)
7. (क)
8. (घ)
9. (ग)
10. (क)

अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 11.
रासायनिक परिवर्तन से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर-
वह परिवर्तन जिसमें पदार्थ के रासायनिक गुण तथा संघटन में परिवर्तन होकर नया पदार्थ बनता है, उसे रासायनिक परिवर्तन कहते हैं।

उदाहरण- कोयले को जलाने पर CO2 गैस का बनना।
C(s) + O2(g) → CO2(g)

प्रश्न 12.
वनस्पति तेल को वनस्पति घी में परिवर्तित करने वाले उत्प्रेरक का नाम बताइये।।
उत्तर-
वनस्पति तेल को वनस्पति घी में परिवर्तित करने के लिए निकेल (Ni) उत्प्रेरक का प्रयोग किया जाता है।

प्रश्न 13.
उत्प्रेरण कितने प्रकार का होता है? नाम लिखें।
उत्तर-
उत्प्रेरण मुख्यतः चार प्रकार का होता है-

  • धनात्मक उत्प्रेरण
  • ऋणात्मक उत्प्रेरण
  • स्वतः उत्प्रेरण
  • जैव उत्प्रेरण।

प्रश्न 14.
Zn + CuSO4 → ZnSO4 + Cu
यह किस प्रकार की अभिक्रिया का उदाहरण है?
उत्तर-
यह एक विस्थापन तथा रेडॉक्स अभिक्रिया है।

प्रश्न 15.
रेडॉक्स अभिक्रिया का एक उदाहरण दें।
उत्तर-
RBSE Solutions for Class 10 Science Chapter 6 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं उत्प्रेरक 15

प्रश्न 16.
उत्क्रमणीय अभिक्रिया किसे कहते हैं ?
उत्तर-
वह अभिक्रिया जो दोनों दिशाओं में होती है अर्थात् जिसमें अभिकारक से उत्पाद तथा उत्पाद से पुनः अभिकारक का निर्माण होता है, उसे उत्क्रमणीय अभिक्रिया कहते हैं। उदाहरण
Na2(g) + 3H2(g) ⇔ 2NH3(g)

प्रश्न 17.
उत्प्रेरक वर्धक व उत्प्रेरक विष का क्या कार्य है?
उत्तर-
उत्प्रेरक वर्धक, उत्प्रेरक की क्रियाशीलता बढ़ाते हैं जबकि उत्प्रेरक विष से उत्प्रेरक की क्रियाशीलता कम हो जाती है।

प्रश्न 18.
अम्ल व क्षार की परस्पर अभिक्रिया कौनसी अभिक्रिया कहलाती है?
उत्तर-
अम्ल व क्षार की परस्पर अभिक्रिया से लवण तथा जल बनता है तथा इस अभिक्रिया को उदासीनीकरण अभिक्रिया कहते हैं।

प्रश्न 19.
वेग के आधार पर अभिक्रिया कितने प्रकार की होती है?
उत्तर-
वेग के आधार पर अभिक्रिया दो प्रकार की होती है-

  • तीव्र अभिक्रियाएँ
  • मंद अभिक्रियाएँ।

प्रश्न 20.
ताप अपघटन अभिक्रिया का उदाहरण दें।
उत्तर-
कैल्सियम कार्बोनेट का विघटन एक ताप अपघटन या ऊष्मीय अपघटन अभिक्रिया है।
CaCOकैल्सियम कार्बोनेट →Δ→ CaO + CO2↑ कैल्सियम ऑक्साइड

प्रश्न 21.
किसी अभिक्रिया में उत्प्रेरक का क्या कार्य होता है?
उत्तर-
उत्प्रेरक रासायनिक अभिक्रिया के वेग में वृद्धि या कमी कर देते हैं। लेकिन स्वयं अपरिवर्तित रहते हैं।

प्रश्न 22.
रासायनिक अभिक्रिया के संतुलन का आधारभूत सिद्धांत क्या है?
उत्तर-
रासायनिक अभिक्रिया के समीकरण का संतुलन द्रव्यमान संरक्षण के नियम के आधार पर किया जाता है, जिसके अनुसार किसी रासायनिक अभिक्रिया में न तो द्रव्यमान का निर्माण होता है और न ही नष्ट। अतः सम्पूर्ण अभिक्रिया में द्रव्यमान संरक्षित रहता है।

प्रश्न 23.
रेडॉक्स अभिक्रिया किसे कहते हैं ?
उत्तर-
वह अभिक्रिया जिसमें एक पदार्थ ऑक्सीकृत तथा दूसरा पदार्थ अपचयित होता है अर्थात् ऑक्सीकरण व अपचयन अभिक्रियाएँ साथ-साथ चलती हैं, उसे रेडॉक्स या उपापचयी अभिक्रिया कहते हैं।

प्रश्न 24.
कोयले का दहन कौन सी अभिक्रिया है?
उत्तर-
कोयले का दहन एक संयुग्मन अभिक्रिया है, किन्तु इस अभिक्रिया में कोयले का ऑक्सीकरण भी हो रहा है। अतः यह एक ऑक्सीकरण अभिक्रिया भी है।

प्रश्न 25.
प्रबल अम्ल व प्रबल क्षार के मध्य अभिक्रिया कराने पर विलयन की pH कितनी होगी?
उत्तर-
समान सान्द्रता के प्रबल अम्ल व प्रबल क्षार के मध्य अभिक्रिया कराने पर विलयन की pH 7 होगी क्योंकि विलयन उदासीन हो जाएगा।

लघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 26.
भौतिक एवं रासायनिक परिवर्तन में अंतर लिखें।
उत्तर-
भौतिक एवं रासायनिक परिवर्तन में निम्नलिखित अन्तर हैं
RBSE Solutions for Class 10 Science Chapter 6 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं उत्प्रेरक 26

प्रश्न 27.
संयुग्मन व अपघटनीय अभिक्रियाओं को एक-एक उदाहरण के साथ लिखें।
उत्तर-
(i) संयुग्मन अभिक्रियाएँ- वे रासायनिक अभिक्रियाएँ जिनमें दो या दो से अधिक अभिकारक आपस में संयोग करके एक ही उत्पाद बनाते हैं, उन्हें संयुग्मन अभिक्रियाएँ कहते हैं। इन अभिक्रियाओं में अभिकारकों के मध्य नये बंधों का निर्माण होता है।

इन अभिक्रियाओं में अभिकारकों का साधारण योग होता है अतः इन्हें योगात्मक या संयोजन अभिक्रिया कहा जाता है।

उदाहरण- कैल्सियम ऑक्साइड (बिना बुझा चूना) का जल के साथ तीव्रता से अभिक्रिया करके कैल्सियम हाइड्रॉक्साइड (बुझा हुआ चूना) बनाना।।
CaO(s) + H2O(l) → Ca(OH)2(aq)

(ii) अपघटनीय अभिक्रियाएँ-वे रासायनिक अभिक्रियाएँ जिनमें एक अभिकारक अपघटित होकर (टूट कर) दो या दो से अधिक उत्पाद बनाता है, उन्हें अपघटनीय अभिक्रियाएँ कहते हैं। इनमें अभिकारकों के मध्य बने हुए बंध टूटते हैं। जिससे छोटे अणुओं का निर्माण होता है।

उदाहरण- CaCO3 (कैल्सियम कार्बोनेट) को गर्म करने पर CaO तथा CO2 गैस बनती है।
CaCO3(s)(चूना पत्थर) → CaO(s) + CO2(g)(कैल्सियम ऑक्साइड)

प्रश्न 28.
AgNO3 + KCl → AgCI + KNO3
उपरोक्त अभिक्रिया किस प्रकार की है? नाम लिखें तथा समझाएँ।
उत्तर-
यह एक द्विविस्थापन अभिक्रिया है जिसमें दोनों अभिकारकों के परमाणु या परमाणुओं का समूह आपस में विस्थापित होते हैं तथा नये यौगिक बनते हैं। अभिक्रिया–
AgNO3 + KCl → AgCl + KNO3
में AgNO3, के NO3 आयन KCl के Cl आयनों को विस्थापित कर रहे हैं जिससे सिल्वर क्लोराइड (AgCl) तथा पोटेशियम नाइट्रेट (KNO3) बन रहे हैं।

प्रश्न 29.
ऑक्सीकरण व अपचयन को इलेक्ट्रॉनिक आदान-प्रदान के आधार पर समझाइए।
उत्तर-
ऑक्सीकरण-ऐसी अभिक्रिया जिसमें परमाणु, आयन या अणु इलेक्ट्रॉन त्यागता है, उसे ऑक्सीकरण कहते हैं। इसमें इलेक्ट्रॉनों की संख्या कम होती है। उदाहरण
K → K+ + e
Fe2+ → Fe3+ + e
2Cl → Cl2 + 2e
यहाँ पोटेशियम परमाणु एक e त्याग कर K+ धनायन में, फेरस (Fe2+)

आयन एक और e त्याग कर (Fe3+) फेरिक आयन में तथा क्लोराइड (Cl) आयन e त्याग कर उदासीन क्लोरीन परमाणु में ऑक्सीकृत होता है। इन अभिक्रियाओं से ज्ञात होता है कि ऑक्सीकरण की क्रिया में उदासीन परमाणु धनायन बनाता है या धनायन पर आवेश बढ़ता है या ऋणायन से उदासीन परमाणु बनता है।

अपचयन-वह अभिक्रिया जिसमें परमाणु, आयन या अणु द्वारा इलेक्ट्रॉन ग्रहण किया जाता है, उसे अपचयन कहते हैं। इसमें इलेक्ट्रॉनों की संख्या में वृद्धि होती है। उदाहरण
Br + e → Br
MnO4 + e → MnO4-2
Mg+2 + 2e → Mg
यहाँ ब्रोमीन परमाणु एक e ग्रहण कर ब्रोमाइड आयन (Br), मैग्नेट आयन (MnO4), एक e ग्रहण कर परमैंग्नेट आयन (MnO4-2) तथा मैग्नीशियम आयन (Mg+2) दो e ग्रहण कर उदासीन Mg परमाणु में अपचयित हो रहे हैं। अतः अपचयन अभिक्रिया में उदासीन परमाणु से ऋणायन बनता है या ऋणायन पर आवेश बढ़ता है या धनायन से उदासीन परमाणु बनता है।

प्रश्न 30.
उत्प्रेरक कितने प्रकार के होते हैं? लिखें।
उत्तर-
(a) क्रिया के आधार पर उत्प्रेरक चार प्रकार के होते हैं

  • धनात्मक उत्प्रेरक-उत्प्रेरक जो रासायनिक अभिक्रिया के वेग को बढ़ाते हैं, उन्हें धनात्मक उत्प्रेरक कहते हैं।
    2SO2 + O→NO→ 2SO3
  • ऋणात्मक उत्प्रेरक-उत्प्रेरक जो रासायनिक अभिक्रिया के वेग को कम करते हैं, उन्हें ऋणात्मक उत्प्रेरक कहते हैं।
    2H2O2 →ग्लिसरॉल→ 2H2O + O2
  • स्वतः उत्प्रेरक-जब किसी रासायनिक अभिक्रिया में बना उत्पाद ही उत्प्रेरक का कार्य करता है अर्थात् अभिक्रिया के वेग को बढ़ा देता है तो उस उत्पाद को स्वतः उत्प्रेरक कहते हैं।
    उदाहरण
    CH3COOC2H5 एथिल एसीटेट + H2O ⇔ CH3COOH एसीटिक अम्ल + C2H5OH एथेनॉल
    इस अभिक्रिया में CH3COOH स्वतः उत्प्रेरक है।
  • जैव उत्प्रेरक-वे पदार्थ जो जैव रासायनिक अभिक्रियाओं के वेग को बढ़ाते हैं, उन्हें जैव उत्प्रेरक कहते हैं। इन्हें एन्जाइम भी कहते हैं।
    उदाहरण
    NH2CONH2 यूरिया + H2O → यूरिएज → 2NH3 + CO2

(b) भौतिक अवस्था के आधार पर उत्प्रेरक दो प्रकार के होते हैं

  • समांगी उत्प्रेरक-जब किसी रासायनिक अभिक्रिया में उत्प्रेरक, अभिकारक एवं उत्पाद तीनों की भौतिक अवस्था समान होती है तो उत्प्रेरक समांगी उत्प्रेरक कहलाता है।
    उदाहरण-
    CH3C00CH3(l) मेथिल एसीटेट + H2O(l) →HCl(aq)→ CH3COOH(aq) एसीटिक अम्ल + CH3OH(aq) मेथिल एल्कोहॉल
    2SO2(g) + O2(g) सल्फर डाईऑक्साइड → NO(g)→ 2SO3(g) सल्फर ट्राईऑक्साइड
  • विषमांगी उत्प्रेरक-जब किसी रासायनिक अभिक्रियाओं में अभिकारक एवं उत्प्रेरक की भौतिक अवस्था भिन्न-भिन्न होती है तो इस अवस्था में उत्प्रेरक को विषमांगी उत्प्रेरक कहते हैं।
    उदाहरण-
    N2(g) + 3H2(g) →Fe(s) →2NH3(g)
    वनस्पति तेल(l) + H2(g) →Ni(s)→ वनस्पति घी(s)
    सूक्ष्म विभाजित निकल धातु (Ni) की उपस्थिति में वनस्पति तेलों का हाइड्रोजनीकरण करके वनस्पति घी बनाया जाता है। इस अभिक्रिया में तेल द्रव अवस्था में, H2 गैसीय अवस्था में, Ni तथा घी ठोस अवस्था में है।

प्रश्न 31.
अपघटनीय अभिक्रियाएँ कितने प्रकार की होती हैं? वर्णन करें।
उत्तर-
अपघटनीय अभिक्रियाओं में एक अभिकारक अपघटित होकर दो या दो से अधिक उत्पाद बनाता है। अपघटनीय अभिक्रियाएँ तीन प्रकार की होती
(i) विद्युत अपघटन
(ii) ऊष्मीय अपघटन
(iii) प्रकाशीय अपघटन

(i) विद्युत अपघटन- जब किसी यौगिक की गलित या द्रव अवस्था में विद्युत धारा प्रवाहित की जाती है तो वह अपघटित होकर कैथोड तथा एनोड पर भिन्नभिन्न उत्पाद बनाता है, तो इस अभिक्रिया को विद्युत अपघटन कहते हैं। उदाहरणजल का विद्युत अपघटन करने पर हाइड्रोजन तथा ऑक्सीजन गैस बनती है।
2H2O(l) →विद्युत धारा→ 2H2(g) + O2(g)
2NaCl(aq) →विद्युत धारा→ 2Na(aq) + Cl2(ag)↑
(ii) ऊष्मीय अपघटन- इस अभिक्रिया में यौगिक को ऊष्मा देने पर वह छोटे अणुओं में टूट जाता है। उदाहरण-कैल्शियम कार्बोनेट को 473K ताप तक गर्म करने पर अपघटित होकर कैल्शियम ऑक्साइड तथा CO2 बनाता है।
CaCO→Δ→ CaO + CO2 ↑
(iii) प्रकाशीय अपघटन- प्रकाशीय अपघटन में यौगिक प्रकाश से ऊर्जा प्राप्त करके छोटे-छोटे अणुओं में टूट जाता है।
उदाहरण-
2HBr → H2↑ + Br2

प्रश्न 32.
क्लोरोफार्म में कुछ मात्रा में एथिल एल्कोहॉल मिलाकर क्यों रखा जाता है?
उत्तर-
क्लोरोफार्म वायु की ऑक्सीजन से स्वतः ही ऑक्सीकृत होकर विषैली गैस फॉस्जीन बनाता है। इस अभिक्रिया के वेग को कम करने के लिए इसमें थोड़ी मात्रा में एथेनॉल (C2H5OH) मिला दिया जाता है।
2CHCl3 क्लोरोफॉर्म + O→C2H5OH→ 2COCl2 फॉस्जीन + 2HCl
यहाँ एथेनॉल अल्प मात्रा में बनी फॉस्जीन (COCl2) से क्रिया करके डाइएथिल कार्बोनेट तथा HCl बनाता है, जिससे अभिक्रिया धीमी हो जाती है।
2C2H5OH + COCl2 → (C2H5)2CO3 अविषाक्त + 2HCl

प्रश्न 33.
दुर्बल अम्ल व प्रबल क्षार से बने लवण का जलीय विलयन क्षारीय होता है। क्यों?
उत्तर-
दुर्बल अम्ल तथा प्रबल क्षार से बने लवण के जलीय विलयन में उपस्थित दुर्बल अम्ल पूर्णतः आयनित नहीं होता अर्थात् कुछ मात्रा में अवियोजित अवस्था में भी रहता है। अतः विलयन में अम्ल व क्षार के समान मोल होने पर भी प्रबल क्षार से प्राप्त OH- अधिक मात्रा में रहते हैं। अतः विलयन क्षारीय होता है। जिसकी pH 7 से अधिक होती है। उदाहरण
CH3COONa सोडियम एसीटेट + H2O → CH3COOH दुर्बल अम्ले (अल्प आयनित) + NaOH प्रबल क्षार (पूर्ण आयनित)

प्रश्न 34.
क्या ये अभिक्रियाएँ संभव हैं? उत्तर कारण सहित लिखें।
(i) Cu + ZnSO4 → CuSO4 + Zn
(ii) Fe + CuSO4 → FeSO4 + Cu
उत्तर-
ये दोनों ही विस्थापन अभिक्रियाओं के उदाहरण हैं। विस्थापन अभिक्रियाओं में अधिक क्रियाशील तत्व, तुलनात्मक रूप से कम क्रियाशील तत्वों को विस्थापित करते हैं, लेकिन इसके विपरीत नहीं होता।
(i) यह अभिक्रिया सम्भव नहीं है क्योंकि Cu, Zn से कम क्रियाशील धातु है अतः यह Zn को विस्थापित नहीं कर सकता।
Cu + ZnSO4 → CuSO4 + Zn
(ii) यह अभिक्रिया सम्भव है क्योंकि Fe, Cu से अधिक क्रियाशील है। अतः यह Cu को विस्थापित करके FeSO4 तथा Cu बनाता है।
Fe + CuSO4 → FeSO4 + Cu

प्रश्न 35.
निम्नलिखित अभिक्रियाओं में ऑक्सीकरण-अपचयन को पहचाहिए

  1. C + O→ CO2
  2. Mg + Cl2 → MgCl2
  3. ZnO + C → Zn + CO
  4. Fe2O3 + 3CO → 2Fe + 3CO2

उत्तर-

  1. C + O → CO2– इस अभिक्रिया में कार्बन का ऑक्सीजन के साथ संयोग हो रहा है अतः इसका ऑक्सीकरण हो रहा है, लेकिन O2 का अपचयन हो रहा है।
  2. Mg + Cl2 → MgCl2 -इस अभिक्रिया में मैग्नीशियम (Mg) का अधिक विद्युतऋणी तत्व क्लोरीन (Cl2) के साथ संयोग हो रहा है अतः इसका ऑक्सीकरण हो रहा है, लेकिन (Cl2) का अपचयन हो रहा है।
  3. ZnO + C → Zn + CO-इस अभिक्रिया में ZnO में से ऑक्सीजन निकल रही है अतः इसका अपचयन हो रहा है, लेकिन कार्बन का कार्बन मोनोऑक्साइड में ऑक्सीकरण हो रहा है।
  4. Fe2O3 + 3CO → 2Fe + 3CO2-इस अभिक्रिया में फेरिक ऑक्साइड (Fe2O3) का आयरन में अपचयन तथा कार्बन मोनोऑक्साइड (CO) का CO2 में ऑक्सीकरण हो रहा है।

उपरोक्त सभी अभिक्रियाओं में एक पदार्थ का ऑक्सीकरण तथा दूसरे का अपचयन हो रहा है अतः इन्हें रेडॉक्स अभिक्रियाएँ कहते हैं।

निबन्धात्मक प्रश्न
प्रश्न 36.
रासायनिक अभिक्रियाएँ कितने प्रकार की होती हैं? वर्णन करें।
उत्तर-
रासायनिक अभिक्रिया-वह अभिक्रिया जिसमें उत्पाद का रासायनिक गुण तथा संघटने मूल पदार्थ से भिन्न होता है अर्थात् किसी पदार्थ में रासायनिक परिवर्तन होना रासायनिक अभिक्रिया कहलाता है। रासायनिक अभिक्रिया में अभिकारकों से उत्पादों का निर्माण होता है परन्तु पदार्थ का कुल द्रव्यमान संरक्षित रहता है।
उदाहरण- मैग्नीशियम के फीते का दहन
2Mg(s) + O2(g) → 2MgO(s) मैग्नीशियम ऑक्साइड (श्वेत चूर्ण)

रासायनिक अभिक्रियाएँ मुख्यतः चार प्रकार की होती हैं
(i) संयुग्मन अभिक्रियाएँ
(ii) विस्थापन अभिक्रियाएँ।
(iii) द्विविस्थापन अभिक्रियाएँ
(iv) अपघटनीय अभिक्रियाएँ

(i) संयुग्मन अभिक्रियाएँ या योगात्मक अभिक्रियाएँ- वे रासायनिक अभिक्रियाएँ जिनमें दो या दो से अधिक अभिकारक आपस में संयोग करके एक ही उत्पाद बनाते हैं उन्हें संयुग्मन अभिक्रियाएँ कहते हैं। इन अभिक्रियाओं में अभिकारकों के मध्य नये बंधों का निर्माण होता है।
उदाहरण- एथीन का हाइड्रोजनीकरण
RBSE Solutions for Class 10 Science Chapter 6 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं उत्प्रेरक 36

(ii) विस्थापन अभिक्रियाएँ- वे रासायनिक अभिक्रियाएँ जिनमें एक अभिकारक में उपस्थित परमाणु या परमाणुओं का समूह दूसरे अभिकारक के परमाणु या परमाणुओं के समूह द्वारा विस्थापित होता है, उन्हें विस्थापन अभिक्रियाएँ कहते हैं। इन अभिक्रियाओं में अभिकारकों के बंध टूटते हैं तथा नये बंधों का निर्माण होता है।
उदाहरण- CuSO4 नीला (कॉपर सल्फेट) + Zn जिंक → ZnSO4 रंगहीन (जिंक सल्फेट) + Cu

(iii) द्विविस्थापन अभिक्रियाएँ- वे रासायनिक अभिक्रियाएँ जिनमें दोनों अभिकारकों के परमाणु या परमाणुओं के समूह आपस में विस्थापित होकर नये यौगिकों का निर्माण होता है, उन्हें द्विविस्थापन अभिक्रियाएँ कहते हैं। इनमें दोनों अभिकारकों के कुछ भाग आपस में विस्थापित होकर नए उत्पाद बनाते हैं।
उदाहरण-
RBSE Solutions for Class 10 Science Chapter 6 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं उत्प्रेरक 36.1

(iv) अपघटनीय अभिक्रियाएँ- वे अभिक्रियाएँ जिनमें एक अभिकारक अपघटित होकर दो या दो से अधिक उत्पाद बनाते हैं, उन्हें अपघटनीय अभिक्रियाएँ कहते हैं। अपघटनीय अभिक्रियाएँ तीन प्रकार की होती हैं
(a) विद्युत अपघटन
(b) ऊष्मीय अपघटन
(c) प्रकाशीय अपघटन
उदाहरण- 2NaCl(ag) →विद्युत अपघटन→ 2NaOH(aq) + Cl2(g)↑

प्रश्न 37.
ऑक्सीकरण-अपचयन से क्या समझते हैं? उदाहरणों के साथ व्याख्या करें।
उत्तर-
ऑक्सीकरण तथा अपचयन को विभिन्न आधारों पर परिभाषित किया जाता है

  • ऑक्सीजन के संयोग एवं विलोपन (वियोजन ) के आधार पर-किसी पदार्थ के साथ ऑक्सीजन का जुड़ना ऑक्सीकरण तथा ऑक्सीजन का निकलना अपचयन कहलाता है।
    उदाहरण- ऑक्सीकरण
    2Mg + O2 → 2MgO
    S + O2 → SO2 सल्फर डाईऑक्साइड
    अपचयन-
    2KClO3 → 2KCl + 3O2
  • हाइड्रोजन के संयोग तथा विलोपन के आधार पर-किसी पदार्थ में से हाइड्रोजन का निकलना ऑक्सीकरण तथा हाइड्रोजन का जुड़ना अपचयन कहलाता है।
    उदाहरण- ऑक्सीकरण
    2H2S + O2 → 2H2O + 2S
    इस अभिक्रिया में H2S (हाइड्रोजन सल्फाइड) गैस सल्फर (S) में ऑक्सीकृत हो रही है।
    CH3CH2OH एथेनैल →[O]→ CH3CHO + H2 एथेनॉल
    अपचयन-
    H2 + Cl2 → 2HCl
    यहाँ क्लोरीन का HCl में अपचयन हो रहा है।
  • विद्युत धनी तत्त्वों के संयोग तथा विलोपन के आधार पर-वह अभिक्रिया जिसमें किसी पदार्थ में से विद्युत धनी तत्व (धन विद्युती तत्व) का निष्कासन होता है, उसे ऑक्सीकरण तथा विद्युत धनी तत्व का योग होता है, उसे अपचयन कहते हैं।
    उदाहरण- ऑक्सीकरण
    2KI + Cl2 → 2KCl + I2
    H2S + Cl2 → 2HCl + S
    इन अभिक्रियाओं में पोटेशियम आयोडाइड (KI) का आयोडीन (I2) में तथा H2S का सल्फर (S) में ऑक्सीकरण हो रहा है।
    अपचयन-
    Cl2 + Mg → MgCl2
    यहाँ क्लोरीन (Cl2) का मैग्नीशियम क्लोराइड (MgCl2) में अपचयन हो रहा है।
  • विद्युतऋणी तत्वों के संयोग तथा विलोपन के आधार पर-वे अभिक्रियाएँ जिनमें किसी पदार्थ का विद्युतऋणी.तत्व के साथ संयोग होता है, उन्हें ऑक्सीकरण तथा जब किसी पदार्थ में से विद्युतऋणी तत्व निकलता है तो उन्हें अपचयन अभिक्रियाएँ कहते हैं ।
    उदाहरण- ऑक्सीकरण
    Ca + Cl2 → CaCl2
    यहाँ कैल्सियम (Ca) का अधिक विद्युतऋणी तत्व क्लोरीन (Cl2) के साथ संयोग हो रहा है अतः यह एक ऑक्सीकरण अभिक्रिया है।
    अपचयन-
    2FeCl3 + H2 → 2FeCl2 + 2HCl
    इस अभिक्रिया में FeCl3 में से ऋण विद्युत तत्व Cl के निकलने के कारण इसका अपचयन हो रहा है।
    सारांश के रूप में ऑक्सीकरण वे अभिक्रियाएँ होती हैं जिनमें किसी पदार्थ के साथ ऑक्सीजन या किसी अन्य ऋणविद्युती तत्व का योग होता है। अथवा हाइड्रोजन या किसी अन्य धनविद्युती तत्व का निष्कासन होता है।
    इसी प्रकार अपचयन वे अभिक्रियाएँ हैं जिनमें किसी पदार्थ के साथ हाइड्रोजन या किसी अन्य धनविद्युती तत्व का योग होता है अथवा ऑक्सीजन या किसी अन्य ऋणविद्युती तत्व का निष्कासन होता है।
    आजकल ऑक्सीकरण तथा अपचयन की परिभाषा इलेक्ट्रॉन के आदान-प्रदान के आधार पर दी गई है।
  • इलेक्ट्रॉन के आदान-प्रदान के आधार पर ऑक्सीकरण-वे अभिक्रियाएँ जिनमें परमाणु, आयन या अणु इलेक्ट्रॉन त्यागता है, उन्हें ऑक्सीकरण अभिक्रियाएँ कहते हैं।
    Na → Na+ + e
    Fe2+ → Fe3+ + e
    2Cl → Cl2 + 2e
    अतः ऑक्सीकरण की क्रिया में उदासीन परमाणु धनायन बनाता है या धनायन पर आवेश बढ़ता है या ऋणायन पर आवेश में कमी होती है।
    अपचयन-वे अभिक्रियाएँ जिनमें परमाणु, आयन या अणु इलेक्ट्रॉन (e) ग्रहण करता है, अपचयन कहलाती है।
    Cl+e → Cl
    MnO4-1 + e परमैंग्नेट आयन → MnO4-2 मैंग्नेट आयन
    Mg+2+2e → Mg
    अतः अपचयन अभिक्रयाओं में उदासीन परमाणु से ऋणायन बनता है या ऋणायन पर आवेश बढ़ता है या धनायन पर आवेश में कमी होती है।
    उपापचयी अभिक्रिया-
    RBSE Solutions for Class 10 Science Chapter 6 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं उत्प्रेरक 37
    उपरोक्त अभिक्रिया में Zn का ZnSO4 में ऑक्सीकरण (Zn → Zn+2 + 2e) तथा कॉपर सल्फेट का Cu में अपचयन (Cu+2 + 2e → Cu) हो रहा है।

प्रश्न 38.
उत्प्रेरक की विशेषताएँ तथा उत्प्रेरक के प्रकारों के बारे में आप क्या जानते हैं?
उत्तर-
उत्प्रेरक-वे पदार्थ जो रासायनिक अभिक्रिया के वेग को परिवर्तित कर देते हैं किन्तु स्वयं अपरिवर्तित रहते हैं, उत्प्रेरक कहलाते हैं।
उत्प्रेरक की विशेषताएँ अथवा गुण निम्न प्रकार हैं

  • उत्प्रेरक केवल रासायनिक अभिक्रिया के वेग में परिवर्तन के लिए उत्तरदायी होते हैं लेकिन उनके स्वयं के रासायनिक संघटन तथा मात्रा में कोई परिवर्तन नहीं होता है।
  • अभिक्रिया मिश्रण में उत्प्रेरक की सूक्ष्म मात्रा ही आवश्यक होती है।
  • प्रत्येक अभिक्रिया के लिये एक विशिष्ट उत्प्रेरक आवश्यक होता है अतः एक ही उत्प्रेरक सभी अभिक्रियाओं को उत्प्रेरित नहीं कर सकता।
  • उत्प्रेरक अभिक्रिया को प्रारम्भ नहीं करता है केवल उसके वेग को बढ़ाता है।
  • उत्क्रमणीय अभिक्रियाओं में उत्प्रेरक अग्र तथा प्रतीप दोनों अभिक्रियाओं के वेग को समान रूप से प्रभावित करता है।
  • उत्प्रेरक एक निश्चित ताप पर ही अत्यधिक क्रियाशील होते हैं तथा ताप में परिवर्तन से इनकी क्रियाशीलता प्रभावित होती है।

उत्प्रेरकों के प्रकार-उत्प्रेरकों को भौतिक अवस्था तथा क्रिया के आधार पर निम्न प्रकार वर्गीकृत किया जाता है।

  1. भौतिक अवस्था के आधार पर
    (a) समांगी उत्प्रेरक- जब किसी रासायनिक अभिक्रिया में उत्प्रेरक, अभिकारक एवं उत्पाद तीनों समान भौतिक अवस्था में होते हैं तो इस स्थिति में उत्प्रेरक को समांगी उत्प्रेरक तथा इस क्रिया को समांगी उत्प्रेरण कहते हैं। उदाहरण
    2SO2(g) + O2(g) सल्फर डाईऑक्साइड →NO(g)→ 2SO3(g) सल्फरट्राईऑक्साइड
    (b) विषमांगी उत्प्रेरक- जब रासायनिक अभिक्रियाओं में अभिकारक एवं उत्प्रेरक की भौतिक अवस्था भिन्न-भिन्न होती है तो इस स्थिति में उत्प्रेरक को विषमांगी उत्प्रेरक तथा इस क्रिया को विषमांगी उत्प्रेरण कहते हैं। उदाहरण
    N2(g) + 3H2(g) →Fe(S)→ 2NH3(g)
  2. क्रिया के आधार पर
    (a) धनात्मक उत्प्रेरक- वे उत्प्रेरक जो रासायनिक अभिक्रिया के वेग को बढ़ाते हैं, उन्हें धनात्मक उत्प्रेरक कहते हैं। उदाहरण
    2KClO3 →MnO2→ 2KCl + 3O2
    (b) ऋणात्मक उत्प्रेरक- वे उत्प्रेरक जो रासायनिक अभिक्रिया के वेग को कम करते हैं, उन्हें ऋणात्मक उत्प्रेरक कहते हैं।
    उदाहरण-ग्लिसरॉल की उपस्थिति में H2O2 के अपघटन की दर कम हो जाती है। अतः हाइड्रोजन परॉक्साइड को संग्रहित करने के लिए इसमें सूक्ष्म मात्रा में ग्लिसरॉल मिलाते हैं।
    2H2O2 →ग्लिसरॉल → 2H2O + O2
    (c) स्वतः उत्प्रेरक- जब किसी रासायनिक अभिक्रिया में बना उत्पाद ही उत्प्रेरक का कार्य करता है, तो इसे स्वतः उत्प्रेरक कहते हैं। उदाहरण
    CH3COOC2H5 + H2O ⇔ CH3COOH + C2H5OH
    यहाँ प्रारम्भ में अभिक्रिया का वेग कम होता है परन्तु एसीटिक अम्ल (CH3COOH) के कुछ मात्रा में बनने के पश्चात् अभिक्रिया का वेग बढ़ जाता है। अतः इस अभिक्रिया में एसीटिक अम्ल स्वतः उत्प्रेरक है।
    (d) जैव उत्प्रेरक- वे पदार्थ जो जैव रासायनिक अभिक्रियाओं के वेग को बढ़ाते हैं, उन्हें जैव उत्प्रेरक (एन्जाइम) कहते हैं।
    उदाहरण- माल्टोज →माल्टेज→ ग्लूकोज

प्रश्न 39.
रासायनिक समीकरण को लिखने के चरण व इसकी विशेषताएँ लिखें।
उत्तर-
रासायनिक समीकरण-जब किसी रासायनिक अभिक्रिया में पदार्थों को अणुसूत्रों एवं प्रतीकों द्वारा प्रदर्शित किया जाता है तो उसे रासायनिक समीकरण कहते हैं। जैसे कार्बन को ऑक्सीजन की उपस्थिति में गर्म करने पर कार्बन डाईऑक्साइड गैस बनती है।
C + O2 → CO2
रासायनिक समीकरण को लिखने के चरण

  • रासायनिक अभिक्रिया को लिखने के लिए समीकरण में सर्वप्रथम क्रियाकारकों को बायीं ओर लिखकर तीर का निशान (→) लगाया जाता है, तत्पश्चात् दायीं ओर उत्पादों को लिखा जाता है।
  • क्रियाकारकों और उत्पादों की संख्या एक से अधिक होने पर उनके बीच धन का चिन्ह (+) लगाया जाता है। जैसे
    C + O2 → CO2
  • अभिकारकों तथा उत्पादों की भौतिक अवस्था को बताने के लिए उनके साथ कोष्ठक में ठोस के लिए (s), द्रव के लिए (l) तथा गैस के लिए (g) लिख देते हैं।
    C(s) + O2(g) → CO2(g)
  • अभिकारक तथा उत्पाद जब जलीय विलयन के रूप में होते हैं तो उसके लिए (aq) लिखते हैं।
    CaO(s) + H2O(l) → Ca(OH)2(aq).
  • अभिक्रिया उत्क्रमणीय होने अर्थात् दोनों दिशाओं में होने पर तीर का निशान ⇔ इस प्रकार लगाया जाता है।
  • अभिक्रिया सम्पन्न होने के लिये आवश्यक ताप तथा दाब को तीर के निशान के ऊपर लिखते हैं।
    RBSE Solutions for Class 10 Science Chapter 6 39
  • ऊष्माक्षेपी तथा ऊष्माशोषी अभिक्रिया के लिए उत्पाद के साथ क्रमशः धनचिन्ह (+) तथा ऋण चिन्ह (-) लगाकर ऊष्मा की मात्रा को भी लिखा जाता है। ऊष्मा को चिन्ह Δ से भी लिखा जाता है।
    N2 + 3H2 → 2NH3 + 10.5 kcal/mole
    N2 + 2O2 → 2NO2 – 21.6 kcal/mole
  • अभिक्रिया में प्रयुक्त उत्प्रेरक को तीर के निशान के ऊपर लिखा जाता है।
    RBSE Solutions for Class 10 Science Chapter 6 39.1
    रासायनिक समीकरण की विशेषताएँ-रासायनिक समीकरण के द्वारा अभिक्रिया के बारे में एक संक्षिप्त जानकारी मिल जाती है। इसकी विशेषताएँ निम्नलिखित हैं
  1. क्रियाकारक और उत्पाद के बारे में अणुओं की संख्या, द्रव्यमान आदि की सम्पूर्ण जानकारी मिलती है।
  2. पदार्थों की भौतिक अवस्था के बारे में जानकारी प्राप्त होती है।
  3. रासायनिक अभिक्रिया के लिये आवश्यक परिस्थितियों जैसे ताप, दाब तथा उत्प्रेरक आदि के बारे में ज्ञात हो जाता है।
  4. अभिक्रिया ऊष्माक्षेपी है या ऊष्माशोषी यह भी स्पष्ट हो जाता है।
  5. रासायनिक समीकरण से अभिक्रिया की उत्क्रमणीयता की जानकारी भी हो जाती है।

प्रश्न 40.
निम्नलिखित में अंतर बताइए
(a) उत्क्रमणीय-अनुत्क्रमणीय अभिक्रिया
(b) उत्प्रेरक वर्धक-उत्प्रेरक विष
(c) समांगी-विषमांगी उत्प्रेरण
(d) ऑक्सीकरण-अपचयन।
उत्तर-
(a) उत्क्रमणीय-अनुत्क्रमणीय अभिक्रिया
RBSE Solutions for Class 10 Science Chapter 6 40
(b) उत्प्रेरक वर्धक-उत्प्रेरक विषउत्प्रेरक वर्धक ।
RBSE Solutions for Class 10 Science Chapter 6 40.1
(c) समांगी-विषमांगी उत्प्रेरण
RBSE Solutions for Class 10 Science Chapter 6 40.2
(d) ऑक्सीकरण-अपचयनक्र.सं. ऑक्सीकरण
RBSE Solutions for Class 10 Science Chapter 6 40.3



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