बोर्ड प्रश्न-पत्र
पूर्णांक : 80
माध्यमिक परीक्षा, 2018
विज्ञान
समय: 3.15 घण्टे
खण्ड-अ
1. लार ग्रंथि द्वारा स्रावित एन्जाइम का नाम लिखिए।
Ans- टाइलिन (एमिलेज) एन्जाइम
2. सर्वदाता रक्त समूह का नाम लिखिए।
Ans- O समूह
3. एल्काइन श्रेणी का सामान्य सूत्र लिखिए।
Ans-Cn H2n - 2
4. एक किलोवाट घंटा (1 kWh) में जूल मात्रकों की संख्या लिखिए।
Ans- 3.6 x 10(6) जूल
5. मनाली अभयारण्य किस राज्य में स्थित है?
Ans- हिमाचल प्रदेश
6. खरीफ की एक फसल का नाम लिखिए।
Ans- ज्वार, बाजरा
7. विश्व में जैव-विविधता के कुल कितने तप्त स्थल हैं?
Ans- 34
8. रक्तचाप मापने वाले यंत्र का नाम लिखिये।
Ans- रक्तचाप मापी (स्पाइगनोमैनोमीटर)
9. माँ के दूध में पाये जाने वाले प्रतिरक्षी का नाम लिखिए।
Ans- IgG
10. गर्भ रक्ताणुकोरकता रोग के उपचार में कौनसे का उपयोग किया जाता है?
Ans- गर्भ रक्ताणु कोरकता रोग के उपचार हेतु रोहगम टीके का उपयोग किया जाता है।
11. एक ही पदार्थ व समान लम्बाई के विभिन्न चालक तारों के अनुप्रस्थ-काट के क्षेत्रफल (A) एवं प्रतिरोध के मध्य ग्राफ (आरेख) बनाइये।
खण्ड-ब
12. पृथ्वी की आन्तरिक विवर्तनिक शक्तियाँ किसे कहते हैं? किन्हीं दो शक्तियों को समझाइये।
Ans- (a) पृथ्वी का एक मात्र प्राकृतिक उपग्रह चन्द्रमा है। चन्द्रमा का निर्माण पृथ्वी और खगोलीय पिण्ड के बीच टक्कर से चारों ओर बिखरे टूटे-फूटे टुकड़ों व मलबे से (चन्द्रमा का निर्माण) हुआ।
(b) चन्द्रमा अपनी आकर्षण शक्ति द्वारा समुद्री ज्वार पैदा करता है। पृथ्वी के अपनी धुरी पर ठीक से झुके रहने में मदद करता है और पृथ्वी के घूर्णन को धीमा करता है।
(c) पृथ्वी के ठण्डा होने पर बनी चट्टानें कुछ हल्की व कुछ भारी थी। भारी चट्टानें गहरी धँस गयी व हल्के तत्वों से बनी चट्टानें ऊपर रहीं। इन्हीं हल्की चट्टानों से ही पृथ्वी की सतह बनी।
13. जीवाश्म किसे कहते हैं? मानव शरीर में पाये जाने वाले दो अवशेषांगों के नाम लिखिए।
Ans- (i) जीवाश्म उन पादपों व जन्तुओं के प्राकृतिक रूप से संतुलित अवशेष या संकेत होते जो पहले पृथ्वी पर रहते थे। विलुप्त जन्तुओं से सम्बन्धित जानकारी इन छूटे हुए संकेतों से एकत्र की जाती है। जीवाश्म भौमजल में खनिजों के हड्डियों व उत्तकों में पदार्थों की प्रतिस्थापना से बनते हैं। ये पत्थर में जीव की प्रतिकृति या संकेत बनाते हैं।
हाथी के समान जीव के बर्फ में दबने से प्राप्त जीवाश्म ऐसे प्रतीत होते हैं जैसे अभी हाल ही में इनको दफनाया गया हो, अरबों वर्ष पूर्व नहीं।
(ii) मानव शरीर के दो अवशोषण- पूच्छ कशेरूक एवं एपैन्डैक्स ।
14. भारत के प्रथम अन्तरिक्ष यान का नाम लिखिए। भारत द्वारा छोड़े गये उपग्रहों का महत्त्व समझाइये।
Ans- अन्तरिक्ष अभियान में भारत-भारत ने 1969 ई. में अपना पहला रॉकेट रोहिणी-75 छोड़ा। फिर रूस के रॉकेट की सहायता से पहला अंतरिक्ष उपग्रह आर्यभट्ट फिर भास्कर-1 और भास्कर-2 भेजे। 1993 ई. में PSLV-3 नामक स्वदेशी रॉकेट बनाया जिससे रोहिणी उपग्रह भेजा। 2008 में चन्द्रमा की कक्षा में चंद्रयान-1 को स्थापित कर चन्द्रमा पर भारत का झंडा गाड़ा गया। 2014 में पहले ही प्रयास में अपने दम पर मंगल की कक्षा में मंगलयान को स्थापित करने वाला दुनिया का देश भारत ही है। 2016 में एक साथ 20 उपग्रह और 15 फरवरी 2017 को एक ही रॉकेट से एक साथ 104 विदेशी उपग्रह भेजकर भारत ने तहलका मचा दिया।
15. (अ) श्वास विश्लेषक द्वारा शरीर में कितनी मात्रा में एल्कोहल पाया जाता है, तो दण्डनीय है?
Ans- कानूनी रूप से 100ml रक्त में 30mg से कम एल्कोहल की सीमा निर्धारित है।
(ब) "सड़क सुरक्षा शिक्षा" के बिन्दुओं को समझाइये।
Ans- (ब) 1. दुर्घटना में घायल लोगों को छोड़ कर नहीं चले जाना चाहिए बल्कि एक जिम्मेदार नागरिक की हैसियत से मानवता का धर्म निभाना चाहिए।
2. आस-पास के लोगों को बुलाकर दबे हुए घायलों को निकलकर संभव हो तो फर्स्ट-ऐड उपलब्ध कराने की चेष्टा करनी चाहिए।
3. एम्बुलेंस बुलाकर घायलों को अस्पताल ले जाना चाहिए और पुलिस को फोन करना चाहिए।
4. जिस वाहन ने टक्कर मारी है उसका नंबर लिख लेना चाहिए। संभव हो तो ड्राइवर को पकड़ कर, पुलिस बुलाकर उसके हवाले कर देना चाहिए।
5. घायल से पूछकर या उसके मोबाइल से पता करके उसके घरवालों को दुर्घटना की सूचना देनी चाहिए।
16. (अ) विषाणुजनित कोई दो रोगों के नाम लिखिए।
Ans- (अ) खांसी, जुकाम, वायरल बुखार आदि।
(ब) तम्बाकू में पाये जाने वाले एल्केलॉयड का नाम लिखिए।
Ans- (ब) निकोटिन
(स) तम्बाकू चबाने से होने वाली दो हानियाँ लिखिए।
Ans-(स) (a) तम्बाकू के निरन्तर संपर्क में आने से मुँह, जीभ, गले व फेफड़ों आदि का कैंसर होने की संभावना बढ़ जाती है।
(b) तम्बाकू में उपस्थित निकोटिन धमनियों की दीवारों. को मोटा कर देता है। जिससे रक्त दाब व हृदय स्पंदन की दर बढ़ जाती है।
17. निम्नलिखित में कोई एक अन्तर लिखिए :
(अ) धनात्मक एवं ऋणात्मक उत्प्रेरक
Ans- (अ) धनात्मक उत्प्रेरक रासायनिक अभिक्रिया के वेग को बढ़ा देते हैं जबकि ऋणात्मक उत्प्रेरक अभिक्रिया के वेग में कमी कर देते हैं या वे उत्प्रेरक जो अभिक्रिया की दर को कम करते हैं, ऋणात्मक उत्प्रेरक कहलाते हैं।
(ब) ऊष्मीय-अपघटन एवं विद्युत अपघटन
Ans- (ब) (i) ऊष्मीय अपघटन : जब जिंक कार्बोनेट को ऊष्मा दी जाती है, तब ZnO और CO, बनते हैं। उदाहरणः ZnCO3 → ZnO + CO2
2KCIO3 → 2KC1 + 302
(ii) विद्युत अपघटन : जब अम्लीय जल में विद्युत प्रवाहित की जाती है तब कैथोड पर हाइड्रोजन गैस मुक्त होती है तथा ऑक्सीजन गैस ऐनोड पर मुक्त हो जाती है।
उदाहरणः H2O (l) → H(g) (कैथोड पर) + O2(g)(ऍनोड पर)
2NaCl→ 2Na + C12(g)
(स) संकलन एवं विस्थापन अभिक्रिया
Ans- (स) वनस्पति तेल + H2 → वनस्पति घी
यहाँ Cu एक वर्धक है तथा Ni उत्प्रेरक है। विस्थापन अभिक्रिया में एक परमाणु किसी यौगिक के अन्य परमाणु का प्रतिस्थापन करता है। जबकि द्वि-विस्थापन अभिक्रिया में प्रथम यौगिक का एक परमाणु द्वितीय यौगिक के एक परमाणु को प्रतिस्थापित करता है ठीक उसी समय दूसरे यौगिक का एक परमाणु प्रथम यौगिक के एक परमाणु का प्रतिस्थापन करता है।
Zn + H2SO4 → ZnSO4 + H2 (यहाँ Zn, H, SO, सें H, को विस्थापित करता है।)
KCl + AgNO3 → KNO3 + AgCl
यहाँ KCI का पौटेशियम परमाणु AgNO, से Ag को प्रतिस्थापित करता है तथा AgNO, से Ag परमाणु KC1 से K को प्रतिस्थापित करता है।
18. झूम खेती से क्या तात्पर्य है? सामाजिक वानिकी के दो प्रमुख घटकों के नाम लिखिए।
Ans- प्राचीनकाल में मानव खेती के लिए वनों के बड़े भू-भाग को काट कर उन पर 2-3 साल तक लगातार कृषि करता था। इस प्रकार से यह प्रक्रिया वह प्रत्येक दो-तीन वर्ष बाद दोहराता रहता था। इसलिए इसे झूम खेती कहते हैं। सामाजिक वानिकी : मुख्य घटक निम्न हैं: कृषि वानिकी, वन विभाग द्वारा सार्वजनिक स्थल (अस्पताल, नहरों के किनारे) पर वृक्षारोपण किया जाना।
19. 'मिसाइल मेन' के नाम से किसे जाना जाता है? डॉ. पंचानन माहेश्वरी का वनस्पति विज्ञान में योगदान लिखिए।
Ans- मिसाइल मेन- डॉ. अब्दुल कलाम को कहते हैं।
(a) प्रो. पी. माहेश्वरी का जन्म 9 नवम्बर, 1904 को जयपुर में हुआ था। वे एक भारतीय वनस्पति विज्ञानी थे। उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से अपनी शिक्षा प्राप्त की।
(b) उन्होंने अपना अध्यापन कार्य आगरा कॉलेज से आरम्भ किया। इन्होंने इलाहाबाद, लखनऊ व ढाका विश्वविद्यालयों में भी अपना अध्यापन कार्य किया।
(c) डॉ. माहेश्वरी दिल्ली विश्वविद्यालय में वनस्पति विभाग के अध्यक्ष भी नियुक्त हुये। टिशु कल्चर प्रयोगशाला की स्थापना तथा टेस्ट ट्यूब कल्चर पर शोध के लिए लन्दन की रॉयल सोसायटी ने उन्हें अपना फेलो बनाकर सम्मानित किया।
20. निम्नलिखित यौगिकों के IUPAC नाम लिखिए :
(a) CH, C =CH,
Ans- (a) 2-मेथिल-1-प्रोपीन
(b) CH, CH= CH-CH,
Ans- (b) 2-ब्यूटीन
(c) CH, CH-CH, CH,
CI
Ans- (c) 2-क्लोरो ब्यूटेन
21. अपशिष्ट किसे कहते हैं? अपशिष्ट प्रबंधन के दो तरीकों को समझाइये।
Ans- किसी भी प्रक्रम के अंत में प्राप्त होने वाले अनुपयोगी पदार्थ या उत्पाद को अपशिष्ट कहते हैं।
अपशिष्ट प्रबंधन के तरीके -
भूमिभराव – भूमिभराव अक्सर गैर उपयोग की खानों, खनन रिक्तियों इत्यादि क्षेत्रों में बनाये जाते हैं। आज केसमय में भूमिभराव में गड्ढ़ों को मिट्टी से भरके और भूमिभराव गैस को एकत्रित कर विद्युत उत्पादन किया जाता है।
भस्मीकरण–इस विधि में अपशिष्ट पदार्थों का दहन किया जाता है। जिससे अपशिष्ट ताप, गैस, भाप और राख में परिवर्तित हो जाते हैं। छोटे पैमाने पर ये व्यक्तियों द्वारा एवम् बड़े पैमाने पर इसका प्रयोग तरल, ठोस और गैसीय अपशिष्ट निष्पादन में किया जाता है।
खण्ड-स
22. (अ) रेशम कीट के लार्वा का नाम लिखिए।
Ans- (अ) बॉम्बिक्स मोराई
(ब) मधुमक्खी पालन से प्राप्त दो उत्पादों को लिखिए।
Ans- (ब) मधु मोम व शहद
(स) रेशम कीट द्वारा रेशम का धागा कैसे बनाया जाता है ?
Ans- (स) 1. एक पूरी तरह से विकसित लार्वा की लम्बाई लगभग 7.5 सेमी होती है।
2. पूरी तरह से विकसित लार्वा भोजन करना बंद कर देता है और कोकून बनाना प्रारम्भ कर देता है। यह अपने चारों ओर रेशम के धागों का स्रवण कर स्वयं पूर्ण बन्द हो जाता है।
3. कोकून के अन्दर बंद निष्क्रिय लार्वा प्यूपा कहलाता है।
4. कोकून लगभग 1000-1200 मीटर लम्बे रेशम के धागे का बना होता है।
23. व्युत्क्रम संकरण क्या है? जब F, पीढ़ी का संकरण प्रभावी समयुग्मजी जनक से कराया जाता है, तो प्राप्त संतति में लक्षण प्ररूप व जीनी-प्ररूप अनुपात को समझाइये।
Ans- वह संकरण जिसमें F, पीढ़ी का संकरण दोनों जनकों में से किसी एक के साथ किया जाता है, संकरपूर्वज संकरण कहलाता है।
(a) जब शुद्ध लम्बे पादप (TT) का संकरण शुद्ध बौने पादप (tt) से कराया जाता है तब F, पीढ़ी में संकर पौधे (Tt) प्राप्त होते हैं तथा सभी लम्बे होते हैं। जब प्राप्त F पीढ़ी का संकरण दोनों जनकों में से किसी एक के साथ (TT या tt) किया जाता है तब ऐसा संकरण पश्च संकरण कहलाता है। यहाँ संकरण से प्राप्त संतति में हमेशा 50% शुद्ध लम्बे (TT) तथा 50% विषमयुग्मजी लम्बे (Tt) पौधे प्राप्त होते हैं।
Ans- (अ) विरंजक चूर्ण का सूत्र- CaOCl2
विरंजन क्रिया : मुक्त की गई क्लोरीन गैस जल से क्रिया कर नवजात ऑक्सीजन देती है। यह नवजात ऑक्सीजन ' विरंजन क्रिया के लिये उत्तरदायी है।
Cl + H2O →2HCl + [O]
(ब) Zn धातु की तनु H, SO, से होने वाली रासायनिक अभिक्रिया का नामांकित चित्र बनाइये।
25. (अ) ओम के नियम का प्रयोग करते समय एक प्रेक्षक निम्नानुसार दो प्रेक्षण प्राप्त करता है:
अमीटर पाठ्यांक वोल्टमीटर पाठ्यांक
(1)0.50 एम्पीयर 2 वोल्ट
(ii)0.75 एम्पीयर 3 वोल्ट
प्रत्येक प्रेक्षण के लिए चालक तार का प्रतिरोध ज्ञात कीजिए।
(i) I=0.50 A
V = 2 वोल्ट
ओम के नियम से
V=IR
R=V/I =2/0.50
R=200/50
R=4 ओम
(ii) I = 0.75A
V = 3 Volt
ओम के नियम से
R =V/ I = 3 /0.75
R =300/75 =60/15 =12/3
R = 4 ओम
(ब) 25की नाइक्रोम की प्रतिरोध कुण्डली को 12 वोल्ट के संचायक सेल (बैटरी) से जोड़ते हैं एवं इसमें 15 मिनट तक विद्युत धारा प्रवाहित की जाती है। कुण्डली में उत्पन्न ऊष्मा का मान ज्ञात कीजिए।
(ब) V=RI ओम के नियम से
V = RI=12/25 Amp.
V = 12 वोल्ट, R= 25ओम
t = 15 मिनट = 15 x 60 सेकण्ड
H = RI2t
= 25 x 12/25x12/25x15x60
=12 × 12 ×15 × 60 /25
= 12 × 12 × 12 × 3
= 12 × 12 × 36
= 5184 जूल
26. (अ) 40 kg की एक वस्तु पर एक बल लगाने से इसका वेग 1 मीटर/सेकण्ड से बढ़कर 2 मीटर/सेकण्ड हो जाता है। बल द्वारा किया गया कार्य ज्ञात कीजिए।
Ans.(अ) वस्तु का द्रव्यमान = 40 kg
प्रारंभिक वेग.v = 1m/s
अंतिम वेग v = 2m/s
कार्य = ?
सूत्र से W = 1/2m (V2-U2)
=1/2 x40((2)²-(1)²) = 20 (4-1) = W = 20 x 3
W = 60 जूल
(ब) K = 4 ×103 N/m स्प्रिंग नियतांक की एक स्प्रिंग को 2 सेमी संपीडित करने में स्प्रिंग में संचित स्थितिज ऊर्जा ज्ञात कीजिए ।
Ans. (ब) स्प्रिंग का नियतांक K = 4 x 103N/m
दूरी x = 2cm => 0.02m.
सूत्र से
Eस्थितिज =kx2
=1/2 ×4×10³ ×(0.02)2
=1/2x10³ x 4 x 0.0004
=1/2 x 4 × 0. 4
= 2 x 0.4
स्थितिज ऊर्जा = 0.8J
27. जैव-विविधता किसे कहते है? स्वः स्थाने बहि:स्थाने संरक्षण समझाइये।
Ans- जैव विविधता : जीव जन्तुओं में पाई जाने वाली विभिन्नता विषमता, पारिस्थितिकीय जटिलता ही जैव विविधता कहलाती है।
स्वः स्थाने संरक्षण : (a) जीवों के वृद्धि व विकास के लिए उनके प्राकृतिक आवास सबसे अच्छे व उपयोगी होते हैं। इस प्रकार का संरक्षण जो उनके प्राकृतिक आवास पर किया जाता है, स्वः स्थाने संरक्षण कहलाता है।
(b) इसके अन्तर्गत जैवमण्डल रिजर्व, राष्ट्रीय उद्यान, जैव अभयारण्य, संरक्षण रिजर्व स्थापित किये गए हैं।
(c) भारत में वर्तमान में 14 जैव मण्डल रिजर्व, 99 राष्ट्रीय पार्क, 523 अभयारण्य, 47 संरक्षित रिजर्व हैं।
(d) 1,58,745 वर्ग किलोमीटर सुरक्षित रखा गया है जो कुल भौगोलिक क्षेत्रफल का 4.83 प्रतिशत है।
बहिः स्थाने संरक्षण : (a) संरक्षण की इस विधि में संकटग्रस्त जातियों को उनके प्राकृतिक आवास से कृत्रिम आवास में प्रतिस्थापित किया जाता है।
(b) पादप प्रजातियाँ, वनस्पतिक उद्यान, बीज बैंक, ऊतक संवर्धक प्रयोगशाला इनके संरक्षण के लिए स्थापित किये गये हैं।
(c) जन्तु प्रजातियों के संरक्षण के लिए 200 एक्वेरियम स्थापित किये हैं।
(d) संकटग्रस्त पादप और जन्तुओं की प्रजातियों के जननद्रव्य जैसे बीज, फल, परागकण, बीजाणु, अण्ड को सुरक्षित रखने के लिए क्राथोप्रिज्वेंशन और जीन बैंक स्थापित किये जाने हैं।
अथवा
आनुवंशिक विविधता क्या है? जैव-विविधता संकट दो कारणों समझाइये।
(a) प्रकृति जन्तुओं के लिए एक निश्चित आवास है । हम इमारतों, घरों व बढ़ती जनसंख्या की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए प्राकृतिक आवासों को नष्ट कर रहे हैं।
(b) पृथ्वी पर 50 लाख से तीन करोड़ तक प्रजातियाँ पाई जाती हैं।
(c) प्रतिवर्ष 1.7 करोड़ हेक्टेयर जंगल नष्ट किये जा रहे हैं। यदि इसी प्रकार से वनों की कटाई करते रहे तो आने वाले 30 सालों में 5-10 प्रतिशत जन्तु व पादप प्रजातियाँ नष्ट हो जाएँगी ।
(d) पिछले 60 सालों में यूरोप में कवक की 50 प्रजातियाँ लुप्त हो चुकी हैं। इस प्रकार समशीतोष्ण वर्षा वन 1 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से समाप्त किये जा हैं।
(e) जंगली जानवरों के आवास रोड निर्माण, पथ, रेलपथ, गैस पाइप लाइन, नहरें, विद्युत लाइन, बांध, खेतों के कारण नष्ट हो रहे हैं, जिससे वन्य जीवन की गतिविधियाँ प्रभावित हो रही हैं।
(f) बहुत से जानवर अपना जीवन वाहनों से दुर्घटना व मानवीय आवासों में आने के कारण मारे जाने से खो देते हैं।
(g) दुधवा नेशनल उद्यान से गुजरने वाले रेलपथ पर प्रतिवर्ष लगभग आधा दर्जन शेर व अनेक छोटे जन्तु मारे जाते हैं।
खण्ड-द
28. (अ) श्वसन किसे कहते हैं?
Ans- (अ) जैविक कार्य करने के लिए ऊर्जा प्राप्त करने हे जीवित कोशिकाओं में पोषक तत्वों का O, द्वारा ऑक्सीकर करना श्वसन कहलाता है। यह शरीर की कोशिकाओं में सम्पन्न होता है।
(ब) मानव श्वसन तंत्र का नामांकित चित्र बनाइये।
Ans- (ब) मानव श्वसन तंत्र का नामांकित चित्र
(स) श्वसन की क्रियाविधि समझाइये।
Ans- (स) श्वसन की क्रियाविधि : श्वासनली (ट्रेकिया ) – यह 5 इंच लम्बी, कूटस्तरीय पक्ष्माभी स्तंभाका, उपकला उत्तक से बनी होती है। इस पर 'C' आकार के अर्द्धवृत्ताकार उपास्थिल छल्ले होते हैं। जिस कारण कम वायुदाब में यह पिचकती नहीं है। यह स्वरयंत्र व श्वसनी को जोड़ती है और श्वांस को गर्दन से वक्ष तक ले जाती है। वक्षगुहा में यह दायीं व बायीं श्वासनली (प्राथमिक श्वसनी) में बंटकर दायें बायें फेंफड़ों में प्रवेश करती है। श्वासनली की भीतरी सतह पर स्थित एपिथिलियम उत्तक द्वारा स्रावित श्लेष्मा वायु को नम व शुद्ध बनाने का कार्य करती है।
श्वसनी (ब्राँकाई) एवं श्वसनिका (ब्रोन्किओल ) :श्वासनली का पिछला भाग विभाजित होकर दायीं व बायीं श्वसनी बनाता है। जिसे प्राथमिक श्वसनी कहते हैं। प्राथमिक श्वसनी फेफड़ों में कई शाखाओं में बंट जाती है, जिसे द्वितीयक श्वसनी कहते हैं। द्वितीयक श्वसनी तृतीयक श्वसनी में बंट जाती है और तृतीयक श्वसनी छोटी-छोटी श्वसनिकाओं में बँट जाती है। जिसका अगला सिरा फूलकर कूपिकाओं का निर्माण करता है, जिससे गैसों का आदान प्रदान होता है।
फेफड़े-मानव शरीर की वक्ष गुहा में पसलियों के पिंजरे में दो लचीले, कोमल व हल्के गुलाबी रंग के फेफड़े पाये जाते हैं। ये तनुपट्ट (डायफ्राम) के एकदम ऊपर होते हैं। इनमें अनेक श्वासनलियां, कूपिकायें, रुधिर वाहिनियां, लचीले तन्तु, झिल्लियाँ, लसीकावाहिनियां, कोशिकायें आदि पाई जाती हैं। दायां फेफड़ा, बायें फेफड़े से लम्बाई में छोटा व चौड़ाई में अधिक होता है। बायां फेफड़ा दो खण्डों में तथा दायां फेफड़ा तीन खण्डों में विभाजित होता है। प्रत्येक फेफड़ा स्पंजी उत्तक से बना होता है। इसमें अनेक कोशिकाओं के साथ लगभग 30 मिलियन कूपिकायें होती हैं जो फेफड़े के क्षेत्रफल को बढ़ाती हैं। दोनों फेफड़ों का क्षेत्र लगभग 80 वर्गमीटर होता है।
श्वसन प्रक्रिया वायुमण्डल व कूपिका के बीच ऋणात्मक दाब प्रवणता व डायफ्राम के संकुचन पर निर्भर करता है। श्वसन प्रक्रिया में दो स्तर होते हैं—बाह्य व आन्तरिक श्वसन ।
बाह्य श्वसन—यह श्वसन हवा से भरी कूपिकाओं व कोशिकाओं में प्रवाहित रुधिर के मध्य गैसों के आशिक दाब में अन्तर के कारण होता है। इसमें CO, गैस को बाहर छोड़ा जाता है।
आन्तरिक श्वसन – यह श्वसन हवा से भरी कूपिकाओं व कोशिकाओं में प्रवाहित रुधिर के मध्य गैसों के आंशिक दाब में अन्तर के कारण होता है। इसमें CO, गैस को बाहर छोड़ा जाता है। आन्तरिक श्वसन – यह श्वसन कोशिकाओं में प्रवाहित रक्त व उत्तकों के बीच विसरण के माध्यम से होता है। इसमें O, गैस अन्दरं ली जाती है।
अथवा
(अ) मादाओं में प्राथमिक लैंगिक अंग का नाम लिखिए।
Ans- (अ) मादाओं में प्राथमिक लैंगिक अंग एक जोड़ी अण्डाशय ।
(ब) मादा जनन तंत्र का नामांकित चित्र बनाइये।
Ans- (ब) मादा जनन तंत्र का नामांकित चित्र
(स) मानव प्रजनन की अवस्थाओं को समझाइये।
Ans- (स) मनुष्य में प्रजनन की निम्न चार अवस्थायें पाई जाती हैं—
(a) युग्मक जनन–नर के वृषण में शुक्राणुओं व मादा के अण्डाशय में अण्डाणुओं का निर्माण होना।
(b) निषेचन – मादा की अण्डवाहिनी में नर व मादा युग्मकों का संयुग्मन होना। इससे युग्मनज बनता है।
29. (अ) आवर्त सारणी में किसी ब्लॉक के तत्त्व परिवर्ती संयोजकता क्यों प्रदर्शित करते हैं?
Ans- (अ) d-block के तत्व
(ख) ऋणायन का आकार अपने संगत परमाणु से बड़ा होता है, क्यों ?
Ans- (ब) ऋणायन में प्रभावी नाभिकीय आवेश संगत परमाणु की तुलना में कम होता है जिससे इलेक्ट्रॉन पर आकर्षण बल कम हो जाता है और इस कारण इलेक्ट्रॉन अभ्र फैल जाता है। इसलिये किसी ऋणायन का आकार उस परमाणु से बड़ा होता है, जिससे यह बना होता है।
(स) CaH2, NaH, SiH4, AlH3,
उपरोक्त यौगिकों में Ca, Na, Si तथा AI को संयोजकता बताइये।
Ans- (स) संयोजकता Ca–2, Na – 1, Si–4, Al–3.
अथवा
Ans- (अ) दो उपधातुओं के नाम हैं- आर्सिनीक (As) तथा एन्टीमनी (Sb)।
(ब) किसी आवर्त में बायें जाने पर परमाणु आकार किस प्रकार परिवर्तित होता है? कारण सहित समझाइये।
Ans- (ब) किसी आवर्त में बायें से दायें जाने पर कोशों की संख्या समान रहती है लेकिन नाभिकीय आवेश बढ़ता है। परिणामस्वरूप बाह्यतम इलेक्ट्रॉन तथा आन्तरिक इलेक्ट्रॉन पर प्रभावी नाभिकीय आकर्षण बढ़ता है और इस प्रकार बायें से दायें जाने पर परमाणु आकार घटता जाता है।
Na, Cs, Li, K
Ans- (स) Li< Na < K<Cs. उपरोक्त क्रम का कारण यह है कि जब हम लीथियम से सीजियम की ओर जाते हैं तो एक-एक अतिरिक्त कोश जुड़ता जाता है तथा नाभिकीय आवेश भी बढ़ता जाता है। नाभिकीय आवेश के बढ़ने के कारण परमाणु आकार में हुई कमी, कोश की वृद्धि के कारण आकार में हुई वृद्धि से कम होती है। इस प्रकार कुलं मिलाकर लीथियम से सीजियम तक जाने पर परमाणु आकार में वृद्धि होती है।
30. (अ) सूर्योदय से कुछ समय पहले एवं सूर्यास्त के कुछ समय पश्चात् तक सूर्य दिखाई देता है, कारण स्पष्ट कीजिए।
Ans- (अ) सूर्य हमें सूर्योदय से दो मिनट पूर्व तथा सूर्यास्त के दो मिनट बाद तक दिखाई देता है। वायुमण्डलीय अपवर्तन के कारण ऐसा होता है। वायुमण्डल में विभिन्न घनत्व की परतें उपस्थित होती हैं। प्रकाश किरणें इस विभिन परतों से गुजरती हुई हम तक पहुंचती हैं। अपवर्तन के कारण प्रकाश किरणें अपनी वास्तविक स्थिति से विचलित हो जाती हैं तथा आभासी स्थिति से आती हुई प्रतीत होती हैं।
(ब) श्वेत प्रकाश के वर्ण विशेषण से क्या अभिप्राय है?
Ans- (ब) प्रकाश जब किसी पारदर्शी माध्यम से गुजरता है तो प्रकाश सात रंगों में विभाजित हो जाता है। श्वेत प्रकाश के इन रंगों में विभाजित होने की घटना को ही विक्षेपण कहते हैं। सूर्य का प्रकाश जब प्रिज्म से होकर गुजरता है तो उससे निकलने वाला प्रकाश सात रंगों में प्राप्त होता है। सात रंगों के इस प्रतिरूप को स्पैक्ट्रम कहा जाता है। रंग अपनी घटती तरंग दैर्ध्य के अनुसार व्यवस्थित होते हैं। लाल रंग की तरंग दैर्ध्य सर्वाधिक तथा बैंगनी रंग की तरंग दैर्घ्य सबसे कम होती है। रंगों का क्रम VIBGYOR होता है।
(स) प्रकाश के पूर्ण आन्तरिक परावर्तन से क्या तात्पर्य है?
Ans- (स) जब प्रकाश किरणें सघन माध्यम से विरल माध्यम में गमन करती हैं तो वे अपवर्तन के बाद अभिलम्ब से दूर हटती हैं। यदि आपतन कोण का मान क्रांतिक कोण से अधिक कर दिया जाए तो प्रकाश किरणों का अपवर्तन नहीं होता। बल्कि सारी किरणों का उसी माध्यम में परावर्तन हो जाता है, इसी घटना को पूर्ण आन्तरिक परावर्तन कहते हैं।
(द) एक अवतल लेंस से प्रतिबिम्ब का बनना, दशनि का किरण चित्र बनाइये, जबकि बिम्ब अनन्त एवं इसके प्रकाशिक केन्द्र 'O' के स्थित हो।
Ans- (द) प्रतिबिम्ब फोकस व प्रकाशिक केन्द्र के बीच बनेगा आभासी, सीधा व छोटा बनेगा। वस्तु लेंस और अनंत के बीच कहीं भी रखा जाता है। दृष्टि केन्द्र ‘O' और फोकस F, के बीच बनाया गया दर्पण। बनाया गया दर्पण आभासी, सीधा और कम है।
अथवा
(अ) पानी से भरे काँच के पात्र में आंशिक डूबी हुई कोई पेंसिल तिरछी दिखाई देती है, क्यों?
Ans- (अ) अपवर्तन के कारण।
(ब) लेंस की क्षमता से क्या अभिप्राय है?
Ans- (ब) प्रकाश की किरणों को अभिसारित व अपसारित करने की क्षमता ही लेंस क्षमता कहलाती है। लेंस की क्षमता उसकी फोकस दूरी का व्युत्क्रम होती है।
P = 1/F
2 मीटर, क्षमता का मात्रक डाइआप्टर होता है। यदि दो या दो से अधिक लेंस आपस में रख दिये तो उस संयोजन की परिणामी क्षमता P = P + P2 + P3 +.
(स) मानव नेत्र में दृष्टि से वैषम्य दोष क्या है ?
Ans- (स) दृष्टि वैषम्य दोष: यह दोष कॉर्निया की गोलाई में अनियमितता के कारण होता है। इसमें व्यक्ति को समान दूरी पर रखी हुई ऊर्ध्वाधर व क्षैतिज रेखा एक साथ स्पष्ट दिखाई नहीं देती है। बेलनाकार लैंस का उपयोग करके इस दोष का निवारण किया जाता है।
बिम्ब वक्रता केन्द्र व फोकस के बीच
प्रतिबिम्ब वक्रता केन्द्र व अनन्त के बीच, उल्टा, वास्तविक व आकार में बिम्ब से बड़ा बनता है।